UP STF & Mainpuri Police eliminate ₹1 lakh rewardee criminal Jeetu in an encounter

Tue 29-Apr-2025,01:23 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

 UP STF & Mainpuri Police eliminate ₹1 lakh rewardee criminal Jeetu in an encounter यूपी एसटीएफ और मैनपुरी पुलिस ने एक लाख रुपये के इनामी अपराधी जीतू को मुठभेड़ में किया ढेर।
  • मैनपुरी पुलिस-एसटीएफ के संयुक्त ऑपरेशन में एक लाख का इनामी बदमाश ढेर।

  • हत्या, लूट और डकैती जैसे 13 गंभीर मामलों में था वांटेड।

  • अवैध पिस्टल, कारतूस और मोटरसाइकिल बरामद; दो अन्य बदमाश भी गिरफ्तार।

Uttar Pradesh / Mainpuri :

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी पुलिस और एसटीएफ आगरा यूनिट को एक संयुक्त अभियान में बड़ी सफलता मिली है। इस संयुक्त कार्रवाई में जनपद हाथरस के थाना हाथरस जंक्शन क्षेत्र से हत्या के मामले में वॉन्टेड एक लाख रुपये का इनामी अपराधी जितेंद्र उर्फ जीतू मारा गया है। यह मुठभेड़ मैनपुरी जिले के थाना एलाऊ के तारापुर कट पुलिया क्षेत्र में हुई। जितेंद्र उर्फ जीतू पहाड़पुर गांव का निवासी था और उस पर हत्या, लूट, डकैती और अवैध हथियारों के उपयोग जैसे गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज थे। मुठभेड़ के दौरान जीतू को पुलिस की गोली लगी, जिसके बाद उसे घायल अवस्था में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस को उसके पास से एक अवैध .32 बोर पिस्टल, कई कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद हुई है। जीतू लंबे समय से फरार चल रहा था और उसके खिलाफ कुल 13 आपराधिक मामले दर्ज थे। इन मामलों में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट, बलवा और हथियार अधिनियम के तहत गंभीर धाराएं शामिल थीं। दर्ज मामलों में प्रमुख हैं: क्राइम नंबर 329/2005 (धारा 302/120B), 543/2007 (धारा 307/506), 168/2009, 75/2003, 293/2008, 40/2009 (धारा 392/411), 168/2006 (धारा 459/460), 275/2008 (धारा 323/452/506), 292/2008 (धारा 307), 96/2022 (धारा 302/388), 239/2024 (धारा 147/148/149/302/34/120B/506), 293/2022 (धारा 3/25 आयुध अधिनियम), और 316/2024 (धारा 209 बीएनएस)। ये सभी मामले थाना हाथरस जंक्शन में दर्ज थे।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जीतू अत्यंत शातिर और खतरनाक अपराधी था, जो कई वर्षों से पुलिस की पकड़ से बाहर था। उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था और वह कई बार नाम बदलकर फरार रहने में कामयाब रहा था। उसकी गतिविधियों पर पुलिस और एसटीएफ की नजर लंबे समय से थी, और मुखबिर की सूचना पर यह ऑपरेशन अंजाम दिया गया।

इसी दिन मुजफ्फरनगर जिले में भी पुलिस को मुठभेड़ के दौरान दो और बदमाशों को पकड़ने में सफलता मिली है। पुलिस के मुताबिक, वाहन जांच के दौरान रविवार रात जब दो संदिग्धों को रोका गया, तो उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें दोनों बदमाश विशाल और विशेष को पैरों में गोली लगी। उन्हें घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया गया और उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों पर भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं और पुलिस इनके रिकॉर्ड की जांच कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस का यह अभियान अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में एक और अहम कदम है।

यहाँ दिए गए क्राइम नंबर और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं (Sections) विभिन्न अपराधों को दर्शाती हैं, जिनके तहत आरोपी जितेंद्र उर्फ जीतू पर मामले दर्ज थे। नीचे प्रत्येक धारा के साथ उसका संक्षिप्त विवरण दिया गया है कि वह किस अपराध से संबंधित है:


क्राइम नंबर 329/2005 — धारा 302 / 120B

  • धारा 302: हत्या (Murder) — जानबूझकर किसी की हत्या करना।

  • धारा 120B: आपराधिक साजिश (Criminal Conspiracy) — दो या दो से अधिक लोगों की साजिश के तहत अपराध करना।


क्राइम नंबर 543/2007 — धारा 307 / 506

  • धारा 307: हत्या का प्रयास (Attempt to murder) — किसी को मारने की नीयत से हमला करना।

  • धारा 506: आपराधिक धमकी (Criminal intimidation) — किसी को जान से मारने या नुकसान पहुंचाने की धमकी देना।


क्राइम नंबर 168/2009

  • धारा नहीं दी गई, लेकिन थाने और केस नंबर से गंभीर अपराध होने का संकेत मिलता है।


क्राइम नंबर 75/2003

  • धारा नहीं बताई गई — संभवतः चोरी, हमला या गंभीर अपराध।


क्राइम नंबर 293/2008

  • धारा नहीं दी गई — केस रेकॉर्ड में दर्ज गंभीर अपराध।


क्राइम नंबर 40/2009 — धारा 392 / 411

  • धारा 392: डकैती (Robbery) — हिंसा के प्रयोग से किसी से संपत्ति छीनना।

  • धारा 411: चुराई गई संपत्ति को रखना (Receiving stolen property) — जानबूझकर चोरी की गई वस्तु को रखना।


क्राइम नंबर 168/2006 — धारा 459 / 460

  • धारा 459: गंभीर चोट या हत्या के इरादे से घर में घुसना।

  • धारा 460: कई लोगों द्वारा घर में घुसकर गंभीर अपराध करना।


क्राइम नंबर 275/2008 — धारा 323 / 452 / 506

  • धारा 323: जानबूझकर चोट पहुंचाना।

  • धारा 452: घर में जबरन घुसना और चोट पहुंचाना।

  • धारा 506: आपराधिक धमकी देना।


क्राइम नंबर 292/2008 — धारा 307

  • धारा 307: हत्या का प्रयास।


क्राइम नंबर 96/2022 — धारा 302 / 388

  • धारा 302: हत्या।

  • धारा 388: ब्लैकमेलिंग (Extortion by threat of accusation) — किसी को बदनाम करने या फंसाने की धमकी देकर पैसे लेना।


क्राइम नंबर 239/2024 — धारा 147 / 148 / 149 / 302 / 34 / 120B / 506

  • धारा 147: दंगा करना (Rioting)

  • धारा 148: हथियार के साथ दंगा करना।

  • धारा 149: गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा बनकर अपराध करना।

  • धारा 302: हत्या।

  • धारा 34: सामान्य इरादे से किया गया सामूहिक अपराध।

  • धारा 120B: आपराधिक साजिश।

  • धारा 506: आपराधिक धमकी।

Watch Also: Pr Sreejesh Padma Bhushan Award | Ravichandran Ashwin Padma Shri Award | Padma Bhushan Award 2025

https://www.youtube.com/watch?v=lBHT5RJcqVw